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Home Uttarakhand Uttarakhand tourism

Amazing Facts About The Valley Of Flowers: Phoolon ki ghati

by Admin
April 19, 2022
in Uttarakhand tourism
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Table of Contents

  • The Valley Of Flowers ( Phoolon ki ghati ) : History and Discovery
  • Phoolon ki ghati kaha Sthit hai
  • Valley of Flowers National park
  • Facts About Valley of The Flowers

The Valley Of Flowers ( Phoolon ki ghati ) : History and Discovery

दुनिया में जब भी रहस्मयी खूबसूरत स्थानों की बात हो तो ऐसे में Flower Valley Uttarakhand का नाम न आये तो आपको अचरज होगा , उत्तराखंड ऐसे असंख्य रहस्मयी खूबसूरत स्थानों के लिए जाना जाता है, जहां जा कर कोई भी वहीं का होना चाहे।  आज हम बात करने वाले हैं उत्तरखंड के Jurassic Park के नाम से जाने जाने वाली  Valley of The Flowers यानि की फूलों की घाटी के रहस्मयी  तथ्यों के बारे में ।

Phoolon ki ghati kaha Sthit hai

Valley of Flower उत्तराखंड के चमोली जिले के दुर्गम क्षेत्र में स्थित है , ऐसा माना जाता है की यह स्थान सदियों तक गुमनाम रहा लेकिन 1931 में  तीन ब्रिटिश पर्वतारोही फ्रैंक एस स्मिथ के नेतृत्व में इस स्थान तक तब पहुंच गए जब वे अपना रास्ता खो देते हैं और इस शानदार घाटी की ओर आकर्षित होते गए। यहां उगने वाले हजारों रंगबिरंगे और रहस्मयी फूलों को देख कर उन्होंने इसे “फूलों की घाटी” नाम दिया।

Frank S Smythe अपनी किताब The Valley of Flowers में लिखते हैं की जब 1931 में वे अपने 6 अन्य साथियों के साथ  कामेट पर्वत की चढ़ाई पर निकलते हैं तो एक तूफान में फंस कर वे अपना रास्ता भटक जाते हैं और भूंदर घाटी की ओर बढ़ने लगे।  वे लिखते हैं

कुछ ही मिनटों में हम तेज हवा से बाहर निकल गए और ऊंचाई कम होने के साथ हवांए भी धीरे-धीरे गर्म होती गई। घने कोहरे ने पहाड़ को ढक दिया था, हम रुक गए, मार्ग के बारे में अनिश्चित थे, तब मैंने आर एल होल्ड्सवर्थ को सुना, जो एक Botanist होने के साथ-साथ अभियान के एक पर्वतारोही सदस्य थे, वे अपने हाथ से इसरा करके कहते हैं: “देखो!  पहले तो मुझे चट्टानों के अलावा और कुछ दिखाई नहीं दे रहा था, फिर अचानक मेरी भटकती हुई निगाहें एक नीले रंग के कतरे की और आकर्षित होती हैं  जिसके आगे नीले रंग के अन्य कतरे थे , एक नीला कतरा इतना तीव्र था कि यह पहाड़ी को रोशन कर रहा था।

होल्ड्सवर्थ अपने शब्दों में यह अनुभव लिखते हैं की अचानक मुझे एहसास हुआ कि मैं केवल प्राइमुलस से घिरा हुआ था। एक बार में दिन स्पष्ट रूप से उज्ज्वल लग रहा था मै सभी दर्द, ठंड और थकान भूल चूका था। लेकिन यह कैसा प्राइमुला था! इसके फूल अपने कद के लिए बहुत बड़े और संख्या में पर्याप्त थे, खूबसूरती से आनुपातिक रूप से कहीं अधिक मानो सबसे दिव्य नीले रंग में, मधुर सुगंधित।  अपने सभी पर्वतारोहणों अभियानों में मैंने इससे अधिक सुंदर फूल नहीं देखा था, वर्षा की बारीक बूँदें उसकी कोमल पंखुडि़यों से चिपकी रहती हैं, जैसे मोतियों की आकाशगंगाएँ और पत्ते चाँदी से सने हुए।

Valley of Flowers National park

1982 में भारत सरकार ने Valley of Flowers को National park घोषित कर Nanda Devi Biosphere Reserve का मुख्य भाग बना दिया जिसके बाद 2004  में  यह UNESCO World Network of Biosphere Reserves का हिस्सा बन गया।

Facts About Valley of The Flowers

सर्दियों के दौरान Valley of Flowers बर्फ की भारी चादर से ढक जाती है और मानसून के दौरान  पूरी फूलों की घाटी विभिन्न रंग के फूलों से मदहोश हो जाती हैं, माना जाता है की इस दौरान यहां की हवाओं में एक अजीब सी मादकता घुल जाती है जो पास से गुजरने वाली हर जिव को अपनी और आकर्षित करती है, 1939 में  रॉयल बॉटैनिकल गार्डन के एक वनस्पतिशास्त्री, जोन मार्गरेट लेगे की यहां रहस्मयी तरिके से फूल इकट्ठा करते हुए घाटी मृत्यु हो गयी थी। दरसल वे ढलानों पर फिलहाल गए थे और अपनी जान गंवा बैठे जबकि स्थानीय लोगो का मानना है की यहां आज भी आछरियों (परियों) को देखा जा सकता है जो यहां रहती हैं और अपने इस की रक्षा करती हैं , कहीं मान्यताओं के अनुसार आज भी यहां आस पास के क्षेत्रों में आछरियों और दिव्य शक्तियों को पूजा जाता है  ।  इस बारे में आप क्या सोचते हैं अपनी राय जरूर बताएं की  जोन मार्गरेट की मृत्यु की असली वजह क्या रही होगी।

यहां फूलों की अब तक ज्ञांत लगभग 650 से अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें ऑर्किड, ब्लू पोस्पी, लिली, गेरियम, मैरीगोल्ड, हिमालयन रोज डेज़ी, रिवर एनीमोन, प्रिमुलास आदि शामिल हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि यहां उगने वाले पौधों की विभिन्न प्रजातियों में औषधीय गुण होते हैं जो की कैंसर जैसे आसाध्य रोग को भी जड़ से मिटा सकते हैं। वहीं कुछ पौराणिक कथाओं के अनुसार हनुमान जी इसी स्थान से लक्ष्मण को बचने के लिए संजीविनी बूटी ले गए थे। और माना जाता है की आज भी संजीविनी बूटी यहां मौजूद हैं।

Bhyundar Valley क्षेत्र विभिन्न प्रकार के विदेशी और लुप्तप्राय जीवों जैसे ग्रे लंगूर, भूरा भालू, हिमालयी नेवला, एशियाई काला हिरण, लाल लोमड़ी, नीली भेड़, उड़ने वाली गिलहरी आदि को भी देखा जाता रहा है, शायद यह भी एक कारण हो की यहां स्थानीय लोगो को किसी ऊपरी शक्ति का अनुभव या आश्चर्य में डालने वाले जीव देखने को मिल जाते हैं जिनका मिलता जुलता वर्णन अनेक धार्मिक ग्रंथों में मिलता है।

Valley of Flowers के आस पास के क्षेत्र भी काफी रहस्मयी और धार्मिक आस्था से जुड़े माने जाते हैं,  फूलों की घाटी से 32 किलोमीटर की दुरी पर स्थित vasudhara falls के बारे में कहा जाता है की वसुधारा जलप्रपात का पानी उन लोगों पर नहीं गिरता जिन्होंने कोई पाप किया हो यानि की वे ह्रदय से सच्चे नहीं है। vasudhara falls उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले में बद्रीनाथ के पास अलकनंदा नदी के तट पर 12,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है।

Valley of Flowers की जैव विविधता को इस बात से समझा जा सकता है की 2004 में प्रकाशित The Valley of Flowers: Myth and Reality नामक किताब में Botanist Chandra Prakash Kala लिखते हैं की

1993 से Valley of Flowers में अपने लंबे अध्ययन के दौरान, मैंने vascular plants एंजियोस्पर्म, जिम्नोस्पर्म और टेरिडोफाइट्स की कुल 520 प्रजातियों को रिकॉर्ड किया। ये प्रजातियां 72 families और 248  पीढ़ियों से संबंधित हैं। 520 प्रजातियों में से, 498 angio-sperms या flowering plants 61 families और 234 Gen-एरा से सम्बंधित है, जबकि 18 टेरिडोफाइट्स या फ़र्न प्रजातियों और 4 जिम्नोस्पर्म या कोनिफ़र से संबंधित हैं। VOF जड़ी-बूटियों की 472 प्रजातियों, झाड़ियों की 41 प्रजातियों और पेड़ों की 8 प्रजातियों को आश्रय देता है। VOF में Asteraceae सबसे प्रमुख फॅमिली है जो की 29 Gen-era और  60 प्रजातियां में है।

Valley of Flowers में vascular plants की 520 प्रजातियों में से 16 प्रजातियाँ भारतीय हिमालय के लिए स्थानिक हैं और 31 प्रजातियाँ दुर्लभ और लुप्तप्राय श्रेणियों की हैं, भारतीय हिमालय के 7 प्रमुख संरक्षित क्षेत्रों में, Valley of Flowers में सबसे अधिक संख्या में संकटग्रस्त औषधीय पौधों की प्रजातियाँ हैं।

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