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Ultimate Guide For Chardham Yatra 2022: Online Registration, Tour guide, Opening, and Closing dates

Admin by Admin
April 19, 2022
in Uttarakhand tourism, Uttarakhand, Uttarakhand News Latest
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Table of Contents

  • Uttarakhand Chardham Yatra या छोटा चारधाम यात्रा
  • चारधामों की स्थिति एवं उनकी धार्मिक मान्यताएं (Location of Chardhams and their religious beliefs)
    • यमुनोत्री धाम –
    • गंगोत्री धाम – 
    • केदारनाथ धाम – 
    • बद्रीनाथ धाम – 
  • चारधाम यात्रा कब और कैसे की जाती है (When and how is the Chardham Yatra done?)
  • चारधाम यात्रा प्रमुख तिथियां (Chardham yatra dates)
    • 2022 के लिए चारधाम यात्रा तिथियां (Chardham Yatra 2022 Dates)
      • 2022 के लिए यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने की तिथि 
      • 2022 के लिए गंगोत्री धाम के कपाट खुलने की तिथि 
      • 2022 के लिए केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि 
      • 2022 के लिए बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि 
  • चारधाम तक कैसे पहुंचें (how to reach chardham)
  • चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन कैसे करें (How to register for Chardham Yatra)
  • चारधाम यात्रा रजिस्ट्रेशन 2022 (Chardham Yatra Registration 2022)
  • Steps to do Char Dham Yatra Online Registration
  • मोबाइल ऍप के जरिये चारधाम यात्रा रजिस्ट्रेशन (Chardham Yatra registration through mobile app)

Uttarakhand Chardham Yatra या छोटा चारधाम यात्रा

विश्वभर के हिंदुओं की आस्था के केंद्र Kedarnath, Badrinath, Gangotri, Yamunotri धामों को उत्तराखंड के Chardham के नाम से जाने जाता है, केदारनाथ धाम भगवान शिव, बद्रीनाथ धाम भगवान विष्णु, गंगोत्री धाम माँ गंगा, और यमुनोत्री धाम माँ यमुना को समर्पित धाम है। गढ़वाल हिमालय की गोद में बसे इन पवित्र स्थानों को मोक्ष और आध्यात्मिक शांति एवं आध्यात्मिक शक्ति के केंद्र के रूप में पूजा जाता रहा है।

चारधामों की स्थिति एवं उनकी धार्मिक मान्यताएं (Location of Chardhams and their religious beliefs)

Uttarakhand जिसे देवभूमि यानि देवी-देवतों की भूमि के रूप में जाना चाहता है यहां स्थित अनेकों मंदिरों और धार्मिक स्थलों के कारण इस स्थान का महत्व कहीं अधिक बढ़ जाता है, उत्तराखंड में अनगिनत ऐसे धार्मिक स्थल है जहां पर हिंदू धर्म को मानने वाले लोगों की अटूट आस्था और विश्वास है।  इनमें से ही सबसे प्रमुख माने जाने वाले यह चार धाम गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ, और बद्रीनाथ धाम की संयुक्त रूप से यात्रा को ही Chardham Yatra कहा जाता है

यमुनोत्री धाम –

गंगा नदी के बाद दूसरी सबसे पवित्र नदी यमुना के स्रोत के निकट, हिमालय की गोद में स्थित उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में समुद्र तल से 3293 मीटर की ऊंचाई पर यमुनोत्री धाम स्थित है। यमुनोत्री मंदिर, देवी यमुना को समर्पित है, यह स्थान अपने आगंतुकों को शांति और शक्ति प्रदान करने के लिए जाना जाता है।

गंगोत्री धाम – 

गंगोत्री गढ़वाल हिमालय की ऊंची चोटियों, ग्लेशियरों और घने जंगलों के बीच बसा , उत्तरकाशी जनपद का एक छोटा सा शहर है, धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पवित्र गंगा नदी, जब भगवान शिव ने प्रचंड वेग वाली गंगा नदी को अपने जटाओं से मुक्त किया तो गंगोत्री में ही गंगा की धाराएं स्वर्ग से पृथ्वी पर उतरी थी । गंगोत्री धाम मंदिर देवी गंगा को समर्पित है।  गंगोत्री अपने दिव्य वातावरण के अलावा चारों ओर आश्चर्यजनक दृश्य व अलौकिक प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है

केदारनाथ धाम – 

भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग में से एक भगवान शिव को समर्पित यह धाम, उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जनपद में मंदाकिनी नदी के पास गढ़वाल हिमालय पर्वतमाला पर स्थित है। kedarnath Dham Temple तीन तरफ पहाड़ों से घिरा है। एक तरफ है करीब 22 हजार फुट ऊंचा केदारनाथ, दूसरी ओर 21 हजार 600 फुट ऊंचा खर्चकुंड और तीसरी तरफ 22 हजार 700 फुट ऊंचा भरतकुंड है । केदारनाथ में  न सिर्फ तीन पहाड़ों के बीच स्थित है बल्कि  यहपांच नदियों का संगम भी है यहां- मं‍दाकिनी, मधुगंगा, क्षीरगंगा, सरस्वती और स्वर्णगौरी का संगम है।

बद्रीनाथ धाम – 

बद्रीनाथ धाम भगवान बद्रीनारायण ( भगवान विष्णु ) को समर्पित तीर्थ स्थल है, हिमालय की गोद में बसे चमोली जिले के एक छोटे कस्बे बद्रीनाथ में बद्रीनारायण मंदिर स्थित है, बद्रीनाथ धाम को चारधाम यात्रा के अंतिम पड़ाव के रूप में भी जाना जाता है क्युकी हिन्दू पौराणिक आस्था के अनुसार चारधाम यात्रा को दक्षिणावर्त शुरू किया जाना चाहिए जिस क्रम में बद्रीनाथ धाम यात्रा अंतिम पड़ाव होता है।

चारधाम यात्रा कब और कैसे की जाती है (When and how is the Chardham Yatra done?)

हिमालय की गोद में स्थित होने के कारण यह मंदिर साल के लगभग 6 महीने शीतकाल तक बंद रहते हैं, यह सभी धाम अक्टूबर या नवंबर से शीतकाल की शुरुआत में ही इन धामों के कपाट तीर्थ यात्रियों के लिए बंद कर दिए जाते है, अतः तीर्थ यात्रियों को अप्रैल या मई के बाद ग्रीष्म कल तक ही यात्रा का अवसर प्राप्त होता है।

ऐसा माना जाता है कि चार धाम यात्रा दक्षिणावर्त दिशा में पूरी करनी चाहिए, इसलिए तीर्थ यात्रा यमुनोत्री से शुरू कर के गंगोत्री की ओर बढ़ते हुए केदारनाथ से होते हवे बद्रीनाथ धाम में समाप्त होती है। जबकि कुछ स्थानीय तीर्थ यात्री अपनी आस्था अनुसार दो धाम बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम की तीर्थ यात्रा करते हैं।

चारधाम यात्रा प्रमुख तिथियां (Chardham yatra dates)

चारधाम यात्रा के चारों धाम उच्च हिमालयी भूभाग पर होने के कारण चारधाम यात्रा को साल के मात्र छः महीने के लिए ही विश्व भर के तीर्थ यात्रियों के लिए खोला जाता है। यात्रा गर्मियों (अप्रैल या मई) में शुरू होती है और सर्दियों की शुरुआत (अक्टूबर या नवंबर) के साथ बंद हो जाती है।

2022 के लिए चारधाम यात्रा तिथियां (Chardham Yatra 2022 Dates)

सामान्यतः कपाट खुलने की तिथियां अक्षय तृतीया के शुभ दिन तय की जाती हैं, जिसे आखा तीज भी कहा जाता है, जबकि यात्रा समापन तिथियां विजय दशमी, भाई दूज और दिवाली के उत्सवों पर तय की जाती हैं।

2022 के लिए यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने की तिथि 

इस वर्ष केदारनाथ यात्रा 2022 प्रारंभ तिथि 3 मई 2022 से है।

2022 के लिए गंगोत्री धाम के कपाट खुलने की तिथि 

इस वर्ष गंगोत्री यात्रा 2022 प्रारंभ तिथि 3 मई 2022 से है।

2022 के लिए केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि 

इस वर्ष केदारनाथ यात्रा 2022 प्रारंभ तिथि 6 मई 2022 से है।

2022 के लिए बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि 

इस वर्ष बद्रीनाथ यात्रा 2022 प्रारंभ तिथि 8 मई 2022 से है।

चारधाम तक कैसे पहुंचें (how to reach chardham)

चारधाम यात्रा एक अलौकिक और आध्यात्मिक शांति प्रदान करने वाली यात्रा है जब भी आप किसी धार्मिक यात्रा के बारे में सोचते हैं तो उत्तराखंड के चारधाम यात्रा आपके लिए एक अभूतपूर्व अनुभव प्रदान करेगा।   चारधाम यात्रा के चारों धाम यमुनोत्री मंदिर , गंगोत्री मंदिर , केदारनाथ मंदिर और बद्रीनाथ मंदिर की भौगोलिक स्थिति, हिमालय की गोद में है यहां प्रकृति की अपार सुंदरता और आध्यात्मिकता आपको मंत्र मुग्ध कर देगी, परन्तु यह यात्रा एक आसान यात्रा नहीं है यह भौगोलिक रूप से एक जटिल यात्रा है।  इस लिए इस यात्रा से पूर्व आपको एक यात्रा योजना अवश्य तैयार कर लेनी चाहिए।  चारधाम यात्रा को तीर्थ यात्रियों के लिए सुगम और सरल बनाने के लिए स्थानीय प्रशासन द्वारा विभिन्न प्रयास किये गए हैं।  आप चारधाम यात्रा को सड़क मार्ग , हवाई मार्ग अथवा रेल मार्ग द्वारा कर सकते हैं।

छोटा चारधाम यात्रा को शुरू करने के लिए सबसे उपयुक्त स्थान हरिद्वार को माना जाता है क्युकी हरिद्वार से आप अपनी यात्रा को अपनी आस्था और क्षमता के अनुसार किसी भी यात्रा मार्ग विकल्प को आसानी से चुन सकते हैं, हरिद्वार शहर सड़क तंत्र, रेल तंत्र और हवाई मार्ग तंत्र से पूर्णतः जुड़ा है। हरिद्वार तक आप किसी भी परिवहन माध्यम का प्रयोग कर पहुंच सकते हैं।

  • हरिद्वार से यमुनोत्री की दुरी सड़क मार्ग द्वारा 226 Kms है जबकि हवाई मार्ग से 122 Kms है। 
  • हरिद्वार से गंगोत्री की दुरी सड़क मार्ग द्वारा 288 Kms है जबकि हवाई मार्ग से 138 Kms है। 
  • हरिद्वार से केदारनाथ की दुरी सड़क मार्ग द्वारा 239 Kms है जबकि हवाई मार्ग से 123 Kms है। 
  • हरिद्वार से बद्रीनाथ की दुरी सड़क मार्ग द्वारा 322 Kms है जबकि हवाई मार्ग से 155 Kms है। 

चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन कैसे करें (How to register for Chardham Yatra)

साल 2013 में आयी भयानक केदारनाथ आपदा के बाद ,  उत्तराखंड सरकार ने तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए Photometric/ Biometric रजिस्ट्रेशन जरुरी किया। इस पंजीकरण के बाद फोटोमेट्रिक / बायोमेट्रिक कार्ड जारी किया जाता है। चार धाम यात्रा मार्ग पर कई स्थानों पर पंजीकरण आसानी से ऑनलाइन या विभिन्न ऑफलाइन फोटोमेट्रिक / बायोमेट्रिक पंजीकरण काउंटरों पर किया जाता है।

चारधाम यात्रा रजिस्ट्रेशन 2022 (Chardham Yatra Registration 2022)

2014 से शुरू की गयी Chardham Yatra epass व्यवस्था 2022 तक यात्रियों की सुविधा को देखते हुए काफी सुगम और सरल कर दी गयी है।  जहां पहले चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को रजिस्ट्रेशन कराने के लिए बायोमेट्रिक काउंटरों पर घंटों लाइन में लगना पड़ता था वहीं अब यह प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया है।

Steps to do Char Dham Yatra Online Registration

चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के कुछ आसान निम्न चरणों में किया जा सकता है।

Step 1 –Chardham Yatra e-pass registration के लिए उत्तराखंड सरकार द्वारा जारी Chardham Yatra Registration Website पर विजिट करें – https://registrationandtouristcare.uk.gov.in/ 

Step 2 –  अब वेबसाइट के टॉप नेविगेशन में Register/Login टैब पर क्लिक करें। यदि आप पहले से ही रेजिस्टर्ड यूजर हैं तो रेजिस्टर्ड मोबाइल नंबर और पासवर्ड डाल कर लॉग-इन करें अथवा तीसरे चरण की और बढ़ें।

Step 3 – नए यूजर के रूप में रेजिस्टर्ड करने के लिए Register Yourself Here for Chardham and Hemkund कॉलम पर मांगी गयी व्यक्तिगत जानकारी भरें।

Step 4 – रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी करने के लिए आपको Step 3 में भरे गए नंबर पर OTP प्राप्त होगा, OTP को भर कर चारधाम यात्रा रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूर्ण करें।

Step 5 – अब आपकी चारधाम यात्रा रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया का पहला भाग पूर्ण हो गया है , पुनः LogIn  टैब में जा कर अपने रेजिस्ट्रेड नंबर व पॉसवर्ड की सहायता से लॉगिन करें। लॉगिन करने पर आपको डैशबोर्ड प्राप्त होगा जहां आप अपनी यात्रा संबंधित सभी जानकारियां आसानी से भर सकते हैं।

Step 6 –  इसके बाद Create/Manage Tour Info पर क्लिक कर के सभी मांगी गयी जानकारियों को भरें।

Step 7 – टूर प्लान हो जाने के बाद अब आप तीर्थ यात्री की जानकारी भर सकते हैं इसके लिए Add Pilgrim button पर क्लिक करें व सभी मांगी गयी जानकारियों को भरे।  इस प्रक्रिया को आप अन्य सभी यात्रा सदस्यों के लिए कर के सभी को रेजिस्ट्रेर्ड कर सकते हैं। रजिस्ट्रेशन पूरा होने के बाद Unique registration number आपको sms व chardham yatra epass pdf download  कर सकते हैं।

मोबाइल ऍप के जरिये चारधाम यात्रा रजिस्ट्रेशन (Chardham Yatra registration through mobile app)

यात्रियों की सुविधा के लिए पर्यटन विभाग द्वारा टूरिस्ट केयर नाम  से एप्प जारी किया।  इस एप को प्ले स्टोर से डाउनलोड कर श्रद्धालु अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।  साथ ही स्टेशन पर भी ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा: ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन न कर पाने वाले श्रद्धालुओं के लिए जिला पर्यटन कार्यालय व रेलवे स्टेशन उपलब्ध रहेगी।

Tags: Chardham yatraChardham yatra 2022Chardham yatra 2022 updateschardham yatra online registrationuttarakhand
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