श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा॥
यह मंत्र हर शुभकार्य के प्रारम्भं में हर हिन्दू परिवार (Hindu family) में जन्मे व्यक्ति ने सुना या जपा होगा जिसका अर्थ है की घुमावदार सूंड वाले, विशालकाय शरीर वाले, करोड़ सूर्य के समान तेजस्वी सबके प्रभु, हमेशा मेरे सारे कार्य बिना विघ्न के पूरे करें। श्लोक भगवान गणेश को स्मरण करने के लिए प्रयोग किया जाता है , भगवान गणेश का हिन्दू धार्मिक मान्यताओं (Hindu religious beliefs) में उच्च स्थान है गणपति जी को बाधाओं को दूर करने वाले, हमें जीवन में आगे बढ़ने का मार्ग प्रशस्त करते , बल बुद्धि और रिद्धि सिद्धि का ध्योतक माना जाता है , हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) एक विशेष दिन है जब हम भगवान गणेश के जन्म का जश्न मनाते हैं इस दिन को विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है
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भगवान गणेश की पूजा सबसे पहले क्यों की जाती है (Why Lord Ganesha is worshiped first) –
गणपति उपनिषद के अनुसार (According to Ganapati Upanishad)-
हिन्दू धार्मिक मान्यताओं (Hindu religious beliefs) में किसी भी शुभकार्य को करना हो तो भगवान गणेश (Lord Ganesha) की पूजा सबसे पहले की जाती है ,एक मान्यता यह है की हिंदू धर्मग्रंथ गणपति उपनिषद (Ganpati Upanishad) के अनुसार, प्रकृति और चेतना की नींव से पहले ही गणपति प्रकट हो गए थे। जिस कारण ही किसी भी पूजा को शुरू करने से पहले गणपति की पूजा की जाती है।
शिव पुराण के अनुसार (According to Shiva Purana)-
वही कुछ अन्य मान्यताओं में माना जाता है की शिव पुराण के अनुसार एक बार माता पार्वती (Goddess Parvati) ने गणेश जी को द्वार की रक्षा करने के लिए, किसी को भी प्रवेश न करने देने का आदेश दिया, लेकिन तभी भगवान शिव ( Lord Shiva ) द्वार पर पहुंच जाते है और प्रवेश करने को कहते हैं लेकिन बालक गणेश उन्हें किसी भी तरह से प्रवेश करने नहीं देते और क्रोधवश हो कर बाल गणेश पर त्रिशूल का प्रहार करते है जिसे बाल गणेश का सर धड़ से अलग हो जाता है , तभी माता पार्वती आती हैं और क्रोधित हो जाती हैं जिसके परिणाम स्वरूप सृष्टि का संतुलन डगमगाने लगता है और विनाश की और जाने लगता है यह देख कर सभी देव , मानवों सहित परमपिता भगवान ब्रह्मा जी व विष्णु जी ने शिव जी से अनुरोध करते हैं की बाल गणेश को पुनः जीवित करें , सृष्टि के कल्याण और माता पार्वती के पुत्र प्रेम को देख कर भगवान शिव ने अपने गणों से कहा कि उत्तर दिशा में जाओ और वहां जो भी पहला प्राणी मिले उसका सिर ले आओ, तभी उन्हें भगवान इंद्र का हाथी एरावत मिलता उन्हें मिलता है और वे उसका सिर ले आए आते है भगवान शिव वह शीश बाल गणेश के धड़ से जोड़ देते है और गणपति पुनः जीवित हो जाते हैं तथा यह आश्रीवाद देते है की किसी भी शुभकार्य में सबसे पहले गणेश को पूजा जायेगा।
भगवान कार्तिकेय और भगवान गणेश के बीच की प्रतिस्पर्धा (Competition between Lord Karthikeya and Lord Ganesha) –
एक बार भगवान कार्तिकेय (Lord Karthikeya) ने घोषणा की कि वे सभी देवताओं में सर्वश्रेष्ठ भगवान हैं और उनकी पूजा सबसे पहले की जानी चाहिए , जिससे जान कर भगवान शिव ने कार्तिकेय व गणेश जी को एक प्रतिस्पर्धा के लिए कहा की जो सबसे पहले ब्रह्मांड का चककर लगा के आएगा वह विजेता होगा । क्युकी भगवान कार्तिकेय का वाहन मोर था तो वह तुरंत ही ब्रह्मांड के चककर लगाने को चल पड़े लेकिन भगवान गणेश ने माता पार्वती और भगवान शिव की परिक्रमा करनी शुरू कर दिया। जिससे भगवान गणेश की बुद्धि और समझ, से प्रेरित हो कर उन्हें विजेता घोषित कर दिया। जिसके परिणामस्वरूप भगवान को सबसे पहले पूजा जाने लगा।
Vinayaka Chaturthi wishes –
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥
Happy Ganesh Chaturthi
गणेश जी का रूप निराला हैं
चेहरा भी कितना भोला भाला हैं
जब भी आती है कोई मुसीबत
तो इन्होंने ही संभाला है
Happy Ganesh Chaturthi
On this occasion of Ganesh Chaturthi,
I wish Lord Ganpati visits your home with bags full of happiness,
prosperity, and peace.
Happy Ganesh Chaturthi
Wishing you a Happy Vinayak Chaturthi.
May the grace of God keep enlightening your
lives and bless you always.
May Ganpati remove all your troubles and bless
you with a delightful time ahead.
I wish a very Happy Ganesh Chaturthi to your family