हर भारतीय के लिए 15 अगस्त बेहद ही खास होता है पहला और सबसे जरूरी कारण ये है की ये 15 August का दिन भारत का स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) के रूप में मनाया जाता है और दूसरा इस दिन राष्ट्रीय अवकाश यानि National holiday होता है जिससे हर किसी की ख़ुशी कहीं गुना बढ़ जाती है , यह दिन हमारे हजारों लाखों शहीदों, और वीरों के महान बलिदानों और अथक योगदानों के बाद आया है तब वह 1857 का पहला स्वतंत्रता संग्राम(First freedom struggle of 1857 / Indian rebellion of 1857) हो , या फिर 1942 का भारत छोड़ो आंदोलन (Quit India Movement , 1942)। 15 अगस्त के इस खास दिन पर आज हम स्वतंत्रता दिवस से जुड़े कुछ ऐसे फैक्ट्स पर बात करने वाले हैं जो हर भारतीय को जानने चाहिए।
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स्वतंत्रता दिवस से जुड़े कुछ ऐसे फैक्ट्स जो हर भारतीय को जानने चाहिए (Some facts related to Independence Day that every Indian should know) –
अंग्रेजो का भारतीय उपमहाद्वीप में आगमन : कब और क्यों आये (British arrival in the Indian subcontinent: when and why did they come)-
24 अगस्त, 1608 को अंग्रेज व्यापार के उद्देश्य (Business objectives) से भारत के सूरत बंदरगाह पर पहुंचे थे लेकिन कुछ ही सालों में अंग्रेजों की ईस्ट इंडिया कंपनी ने देश पर नियंत्रण स्थापित करना शुरू कर दिया, 23 जून 1757 को प्लासी के युद्ध (Battle of Plassey) में बंगाल के नवाब सिराज़ुद्दौला को East India Company ने Robert Clive के नेतृत्व में हरा कर अपना यह अभियान शुरू किया ।
भारत का पहला स्वतंत्रता संग्राम कब और किसके नेतृत्व में हुआ (When and under whose leadership was India’s first freedom struggle) –
1857 की क्रांति को भारतीय इतिहास में पहला स्वतंत्रता संग्राम माना जाता है जो की 10 मई, 1857 ई. को मेरठ से शुरू हुई, जो धीरे-धीरे कानपुर, बरेली, झांसी, दिल्ली, अवध आदि स्थानों पर फैल गई , अनेकों सामाजिक, आर्थिक कारणों के साथ ही माना जाता है की इस क्रांति का सबसे महत्वपूर्ण राजनैतिक कारण , गवर्नर जनरल लॉर्ड डलहौजी की ‘गोद निषेध प्रथा’ या ‘राज्य हड़प नीति’ (The Doctrine of Lapse) थी दरसल पैतृक वारिस के न होने की स्थिति में राज्य की सर्वोच्च सत्ता East India Company के द्वारा अपने अधीनस्थ क्षेत्रों को ब्रिटिश साम्राज्य में मिलाने की नीति थी।
1857 के विद्रोह प्रमुखतः निम्न वीरों के नेतृत्व में लड़ा गया (The Revolt of 1857 was mainly fought under the leadership of the following leaders.)
- मंगल पांडे (बैरकपुर)
- रानी लक्ष्मीबाई (झाँसी)
- नाना साहिब, राव साहिब, टांटिया तोपे, अजीमुल्लाह खान (कानपुर)
- बहादुर शाह द्वितीय, जनरल बख्त खान, हकीम अहसानुल्लाह (दिल्ली)
- कुंवर सिंह, अमर सिंह (जगदीशपुर)
- बेगम हज़रत महल, बिरजिस कादिर, अहमदुल्लाह (लखनऊ)
- मौलवी लियाकत अली (इलाहाबाद और बनारस)
- टंटिया टोपे (ग्वालियर / कानपुर)
- राजा प्रताप सिंह (कुल्लू)
- कंदापरेश्वर सिंह, मनीराम दत्ता (असम)
- सुरेंद्र शाही, उज्जवल शाही (उड़ीसा)
- गजाधर सिंह (गोरखपुर)
- जयदयाल सिंह और हरदयाल सिंह (राजस्थान)
- सेवी सिंह, कदम सिंह (मथुरा)
- अब्दुल अली खान (मुरादाबाद)
- मोहम्मद खान (बिजनौर)
- अब्दुल अली खान (मुरादाबाद)
हालाँकि की यह विद्रोह सफल नहीं हो पाया लेकिन इसने अंग्रेजी हुकूमत को जोरदार तमाचा जड़ा। कुछ अन्य इतिहासकारों के अनुसार 1817 में ओडिशा में हुए पाइका बिद्रोह (Paika revolt , 1817) को भारत का पहला स्वतंत्रता संग्राम माना गया है , 25 अक्टूबर 2017 को आज तक में छपी एक खबर के अनुसार तत्कालीन केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा है कि “1817 के पाइका विद्रोह को अगले सत्र से इतिहास की पाठ्य पुस्तकों में ‘प्रथम स्वतंत्रता संग्राम’ के रुप में स्थान मिलेगा” खबर स्रोत
1858 में भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन का अंत हो गया और भारत से ईस्ट इंडिया कंपनी की विदाई के बाद ब्रिटिश क्राउन (British crown) का भारत पर सीधा नियंत्रण हो गया, जिसे ब्रिटिश राज (British Raj) के नाम से जाना जाता है
भारतीय ध्वज तिरंगे का विकास/ क्रमागत बदलाव (Evolution of the Indian Flag Tricolour) –
वर्तमान भारतीय ध्वज तिरंगे का आज का स्वरूप विभिन्न दौर में बदलाव के बाद आज हमारे सामने हैं वर्तमान ध्वज को 22 जुलाई, 1947 को संविधान सभा ने इसे Republic of India यानि भारतीय गणराज्य के राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया।
पहला राष्ट्रीय ध्वज (First national flag)
knowindia.gov.in के अनुसार 7 अगस्त, 1906 को कोलकाता (Calcutta now Kolkata) के पारसी बागान स्क्वायर (ग्रीन पार्क) में फहराया गया था। ध्वज में लाल, पीले और हरे रंग की तीन क्षैतिज पट्टियों से मिल कर बनाया गया था।
दूसरा राष्ट्रीय ध्वज (Second national flag) – दूसरा राष्ट्रीय ध्वज 1907 में पेरिस में मैडम कामा और निर्वासित क्रांतिकारियों के बैंड द्वारा फहराया गया।
तीसरा राष्ट्रीय ध्वज (Third national flag) – 1917 में डॉ एनी बेसेंट और लोकमान्य तिलक ने गृह शासन आंदोलन (Home rule movement) के दौरान तीसरा राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया था।
इसके बाद 1921 में All India Congress Committee (अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ) के बेजवाड़ा (अब विजयवाड़ा) अधिवेश में एक युवा ने तैयार किया था जिसमे गाँधी जी ने इसमें चरखा व एक सफेद पट्टी को जोड़ने का सुझाव दिया था। 1931 में बड़ा बदलाव आया और आज के तरंगे के के तीनो रंगों और चरखे के साथ नए झंडे का स्वरूप सामने आया , इसी झंडे के आधार पर ही वर्तमान तिरंगे के रंग भी हैं हालाँकि चरके के स्थान पर सम्राट अशोक का धर्म चरखा( (Dharma Charkha of Emperor Asoka ) जिसे अशोक चक्र (Ashoka chakra) कहा जाता है सम्मिलित किया गया।
भारतीय संविधान के बारे में कुछ तथ्य जो आपको जरूर जानना चाहिए (Some Facts About The Indian Constitution you must know) –
भारतीय संविधान (Constitution) मूल रूप से हिंदी और अंग्रेजी में लिखा गया था और यह दुनिया का सबसे लंबा संविधान है जिसके इंग्लिश वर्शन में 117,369 वर्ड्स है जो की 448 लेखों (448 articles) के साथ 22 भाग (22 parts), 12 अनुसूचियां (12 schedules), 5 परिशिष्ट (5 appendices) और 104 संशोधन (104 amendments) में है। मूल भारतीय संविधान, हिंदी और अंग्रेजी दोनों संस्करण हस्तलिखित थे। यह पृथ्वी पर किसी भी देश का सबसे लंबा हस्तलिखित संविधान है , जो की Prem Behari Narain Raizada की हैंडराइटिंग में हैं।
संविधान सभा (Constitution Assembly) ही स्वतंत्र भारत की पहली संसद थी। जो की डॉ सच्चिदानंद सिन्हा की अध्यक्षयता (अस्थायी अध्यक्ष) में 9 दिसंबर 1946 में हुई थी, या यूँ कहें की संविधान सभा के सदस्य जब पहली बार मिले थे। बाद में 11 दिसंबर 1946 को Dr. Rajendra Prasad जी को संविधान सभा का सर्वसम्मति से इसका अध्यक्ष चुना गया। संविधान सभा के फाइनल ड्राफ बनने में 2 years, 11 months and 18 days का समय लगा। इसके बाद 24 जनवरी 1950 को, संविधान सभा के 284 सदस्यों ने नई दिल्ली में संसद के सेंट्रल हॉल के रूप में जाना जाने वाले संविधान हॉल में भारतीय संविधान पर हस्ताक्षर किए और परिणाम स्वरूप 26 जनवरी 1950 को संविधान कानूनी रूप से लागू किया गया।
तो ये थे कुछ फैक्ट्स जो आजादी के संघर्ष से लेकर संविधान निर्माण तक के कुछ जरुरी तथ्य बताते हैं की कैसे भारत देश अपनी आजादी और संविधान के लिए संघर्ष कर के आज उन्नति की राह पर बढ़ रहा है