वैसे तो इस दुनिया में मिथ की कमी नहीं है पर जब बात होती है एसईओ की तो तब लेवल ही कुछ और होता है में आपको कुछ ऐसे एसईओ मिथ बताने जा रहा हु जो आपके लिए जाना जरूरी है
टॉप 10 एसईओ मिथ हैं जिन्हें आपको अनदेखा करना चाहिए
१. ये तो अपने पक्का ही सुना होगा की अब कीवर्ड टार्गेटिंग का कोई फायदा नहीं होता गूगल हुंमिंगबर्ड अपडेट के बाद तो इसमें ज्यादा मेहनत करना बेकार है क्युकी आपको कीवर्ड डेंसिटी पर फोकस करने की बजाय खोजकर्ता के इरादे पर ध्यान दें की वो खोज क्या रहा है
२.इंडेक्साबले पेजेज को निर्दिष्ट करने के लिए मेटा रोबोट टैग का उपयोग करना चाहिए, जबकि आप Robots.txt फाइल आप पहले से यूज़ कर रहे हो, तो Robots.txt फाइल का काम ही सर्च इंजन बॉट्स को बताना है कि आपके कौन से सेक्शन (पेज, लिंक आदि) हैं जिसको की क्रॉल करवाना है या नहीं करवाना है तो अलग से मेटा रोबोट्स रखने से कोई अलग काम नहीं होगा
३.गूगल आपकी ताज़ा सामग्री खोजेगा और उसे अपने आप इंडेक्स कर लेगा, वैसे कुछ कंडीशन में ऐसा हो जाता है लेकिन नई वेबसाइट या ब्लॉग पर ऐसा नहीं होता इसके लिए आपको सोशल मीडिया से ट्रैफिक भेज कर या पिंग करवा के जल्दी से इंडेक्स करवा सकते हैं, क्युकी गूगल पर हर रोज बहुत सारा कंटेंट अपलोड होता है और फिर आपका क्रॉल रेट भी मायने रखता है तो ऐसे में हर बार आपका पेज इंडेक्स नहीं हो पता है , ब्लॉगर पर कुछ समय बाद ज्यादातर हो जाते है लेकिन वर्डप्रेस पर ये बड़ी दिक्क्त होती है
४.कहीं सारे लोग ये भी कहते हैं की कीवर्ड रिसर्च जरूरी नहीं है इकोसिस्टम से ही काम चल जायेगा, दरसल इकोसिस्टम भी तभी कामयाब है जब अपने अपने विषय पर अच्छी रिसर्च की हो आपने अपने लिए पहले से ही कीवर्ड चुने हो, कीवर्ड रीसर्च के लिए गूगल कीवर्ड प्लानर और SEMRUSH के फ्री टूल का प्रयोग कर सकते हो
५. ये वाला भी काफी सुनने को मिलता है की पेड सर्च, ऑर्गेनिक रिजल्ट को बेहतर बनाता है वास्तव में यह आधा सच है पेड से आपको ट्रैफिक तो मिल जाता है लेकिन अगर आपका कंटेंट अच्छा नहीं होगा जो यूजर को कुछ अच्छा सिखने को नहीं मिलता तो यूजर उतनी ही जल्दी छोड़ कर चला भी जाता है आपको अपने वेबपेज को इस तरिके से बनना है की यूजर आ के यूज़ पड़े और आपके अन्य पेज पर भी जाये जिससे वह आपका नियमित पाठक बन सके और आपको बार बार खोजे
६.कुछ लोग मानते हैं की सोशल सिग्नल एक रैंकिंग फैक्टर नहीं है जबकि सोशल मीडिया के जरिये आप अपनी ब्रांड अथॉरटी, विसिबिलिटी बड़ा सकते हैं इसके साथ ही बड़ी संख्या ट्रैफिक भी अपने ब्लॉग या वेबसाइट पर ला सकते हैं, विभिन्न आकड़ों में पाया गया है की सोशल सिंगल काफी महत्वपूर्ण रैंकिंग फैक्टर है
तो ये कुछ मिथ थे जिनको मैने खुद के अनुभव व अन्य सोर्सेज से जाने हैं हो सकता है आप इनसे सहमत न हो लेकिन मेरे अनुभव में जो था मैने आपको बता दिया बाकि सुधार व सुझाव सदैव आमंत्रित है
पसंद आये तो अप वोट जरूर कीजिये